लोग सपनों के महल बनाना नहीं छोड़ देते। लोग सपनों के महल बनाना नहीं छोड़ देते।
बंटी भागते हुए गाड़ी निकालने लगा, "वाहे गुरू! दादू जी, चलिए..."। बंटी भागते हुए गाड़ी निकालने लगा, "वाहे गुरू! दादू जी, चलिए..."।
एक मांँ ही समझती है, अपनी संतान को कैसे पालती है वो...! एक मांँ ही समझती है, अपनी संतान को कैसे पालती है वो...!
मैं अकेला ही खुश हूँ अब, नहीं हाथों में अब मुझे तेरा हाथ चाहिए...! मैं अकेला ही खुश हूँ अब, नहीं हाथों में अब मुझे तेरा हाथ चाहिए...!
इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं
बूढ़ी आँखों पर लगा के चश्माकोशिश करता था फिर वोकड़वी दुनिया सी सुई के अंदरपिरोने जीवन के धागे को बूढ़ी आँखों पर लगा के चश्माकोशिश करता था फिर वोकड़वी दुनिया सी सुई के अंदरपिरोने...